Bahrain का eKey 2.0: क्या भारत और Gulf Countries को भी अपनाना चाहिए?

9 फरवरी 2025 को Bahrain ने डिजिटल सिक्योरिटी और ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाते हुए My Government” application & eKey 2.0 लॉन्च किया। यह बायोमेट्रिक-आधारित डिजिटल पहचान प्रणाली सरकार और नागरिकों के बीच संपर्क को और अधिक सुरक्षित, आसान और तेज़ बना देगी। अब सवाल उठता है – क्या भारत और Gulf देशों को भी इस तरह की डिजिटल पहचान प्रणाली अपनानी चाहिए? आइए जानते हैं कि यह सिस्टम कैसे काम करता है, इसके फायदे, और भारतीय परिप्रेक्ष्य में इसकी संभावनाएं।


🔑 eKey 2.0: Bahrain की नई डिजिटल पहचान प्रणाली क्या है?

✅ Biometric Authentication: अब यूजर्स को लॉग इन करने के लिए पासवर्ड की जरूरत नहीं होगी। फेस स्कैन और फिंगरप्रिंट के जरिए पहचान होगी।
✅ 41 सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच: eKey 2.0 को My Gov App के साथ जोड़ा गया है, जिससे नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी।
✅ डिजिटल डॉक्यूमेंट एक्सेस: उपयोगकर्ता 10 महत्वपूर्ण दस्तावेज़ (जैसे पासपोर्ट, लाइसेंस, वीज़ा) देख सकते हैं।
✅ Multi-Platform Support: यह सिस्टम iOS, Android, Huawei AppGallery और सरकारी ई-गवर्नमेंट ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।

Bahrai eKey 2.0
Credit: @igabahrain

यह पहल His Royal Highness Prince Salman bin Hamad Al Khalifa, Crown Prince और Prime Minister के नेतृत्व में लागू की गई है।

Bahrain launches My Gov, eKey 2.0 apps


🌍 क्या Gulf Countries को भी इसे अपनाना चाहिए?

Bahrain का यह कदम Gulf देशों के लिए एक मिसाल बन सकता है। क्या UAE, Saudi Arabia, Qatar, Oman और Kuwait को भी इस डिजिटल पहचान प्रणाली को अपनाना चाहिए?

  • UAE: UAE PASS का पहले ही डिजिटल पहचान प्रणाली है।
  • Saudi Arabia: Vision 2030 के तहत डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा दे रहा है।
  • Qatar: डिजिटल ID सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है।

👉 यदि Gulf देशों ने इसे अपनाया, तो क्षेत्र में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को और गति मिलेगी।


क्या भारत में eKey 2.0 जैसी बायोमेट्रिक डिजिटल पहचान लागू हो सकती है?

भारत में पहले से Aadhaar-Based  Authentication है, लेकिन Bahrain का eKey 2.0 तकनीकी रूप से और सुरक्षित होंगे।

🟢 भारत में इसे लागू करने के फायदे:

  • ✅ साइबर सुरक्षा में सुधार: फेस स्कैन और फिंगरप्रिंट से धोखाधड़ी और डेटा चोरी के मामलों में कमी आएगी।
  • ✅ ई-गवर्नेंस को बढ़ावा: आधार से जुड़े सरकारी पोर्टल्स को और ज्यादा सुरक्षित और यूज़र-फ्रेंडली बनाया जा सकता है।
  • ✅ तेज़ ट्रांजैक्शन और वेरिफिकेशन: डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम और अधिक सुरक्षित होंगे।
  • ✅ Multi-Purpose Identity System: पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंकिंग, और सरकारी सेवाओं तक पहुंच को एक साथ जोड़ सकते हैं।
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🔴 चुनौतियाँ:

  • ❌ डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा: डेटा एन्क्रिप्शन में अगर लापरवाही हुई, तो साइबर हमले हो सकते हैं।
  • ❌ सभी भारतीयों तक पहुंच: पूरे देश में इसे लागू करने के लिए मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए।
  • ❌ पब्लिक एक्सेप्टेंस: भारत में अभी भी बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को लेकर लोग पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं।

👉 भारत को पहले आधार, डिजिलॉकर और अन्य ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के बाद बायोमेट्रिक डिजिटल पहचान की ओर बढ़ना चाहिए।

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🚀 eKey 2.0 से भारतीय टेक इंडस्ट्री को कैसे फायदा होगा?

  • 🔹 Cyber Security और AI कंपनियों के लिए नया बाजार खुल सकता है।
  • 🔹 Biometric और Digital Identity तकनीकों पर आधारित स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा।
  • 🔹 FinTech कंपनियों के लिए डिजिटल पेमेंट और वेरिफिकेशन प्रोसेस और तेज़ होगा।
  • 🔹 IT सेक्टर को नए सरकारी और प्राइवेट प्रोजेक्ट्स मिल सकते हैं।

👉 अगर भारत इस तरह की तकनीक अपनाता है, तो IT और FinTech इंडस्ट्री में एक बड़ा बूम आ सकता है।


📣 अंतिम विचार: क्या भारत को भी यह अपनाना चाहिए?

eKey 2.0 जैसी बायोमेट्रिक डिजिटल पहचान प्रणाली भारत और Gulf Countries दोनों के लिए फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, इसे लागू करने से पहले हमें साइबर सुरक्षा, डेटा प्राइवेसी, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा।

👉 आपकी राय क्या है? क्या भारत को भी eKey 2.0 जैसी टेक्नोलॉजी अपनानी चाहिए? अपने विचार कमेंट में साझा करें!