महिंद्रा ने हुंडई को पछाड़ा, भारत के कार बाजार में नंबर-2 की पोजीशन हासिल की: जानें कैसे

महिंद्रा ने हुंडई को पछाड़कर भारत के कार बाजार में नंबर-2 की स्थिति हासिल की: जानें कैसे

भारत के पैसेंजर व्हीकल (PV) बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने अपनी जबरदस्त एसयूवी बिक्री और निरंतर नवाचारों के साथ हुंडई मोटर इंडिया (HMIL) को पछाड़ते हुए फरवरी 2025 तक दूसरा स्थान हासिल किया। फरवरी में 50,420 एसयूवी बेचीं, जबकि हुंडई का आंकड़ा 47,727 यूनिट्स था, जो जनवरी की तुलना में 12% की गिरावट को दर्शाता है।

महिंद्रा की सफलता का प्रमुख कारण उसकी एसयूवी मॉडल्स जैसे थार, स्कॉर्पियो N और XUV700 हैं, जिनकी बिक्री में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं, हुंडई ने अपनी बिक्री को बढ़ाने के लिए धीरे-धीरे नया मॉडल लॉन्च किया है, जबकि महिंद्रा ने तगड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच न केवल नया मॉडल लॉन्च किया, बल्कि अपनी डिजाइन और तकनीक में लगातार सुधार भी किया है। इस बदलाव से यह स्पष्ट है कि भारतीय कार बाजार में  पकड़ मजबूत हो रही है, जबकि हुंडई को अपनी रणनीति में बदलाव की आवश्यकता है।

Mahindra vs Hyundai: Key Comparison for 2025

Category Mahindra Hyundai
Rank in Indian Market #2 (February 2025) #3 (February 2025)
SUV Sales in February 50,420 Units 47,727 Units
Sales Growth (YoY) 19% Growth in SUV Sales Decline in February Sales from January
Top Models Thar, Scorpio N, XUV700, XUV300 Creta, Venue, Tucson
Strategy Multi-model approach, frequent launches Reliance on Creta, slow model refreshes
SUV Market Share Leading (Market Share in 2025) Slower adaptation to market changes
Exports (Feb 2025) 3,061 Units (+99% YoY) 11,000 Units (+6.8% YoY)
Key Strengths Diversified models, innovation, SUV focus Popular Creta, established brand presence
Challenges Competing in premium segment Over-reliance on a few models
Outlook for 2025 Aggressive expansion and innovation Focus on Creta, expanding SUV portfolio

 

आइए जानें कैसे महिंद्रा ने यह उपलब्धि पाई और इसके पीछे की मुख्य बातें:

  • महिंद्रा का एसयूवी पर फोकस:

    • महिंद्रा ने भारतीय बाजार की बढ़ती एसयूवी मांग को भांपते हुए अपनी एसयूवी रेंज को मजबूत किया है।
    • फरवरी 2025 में महिंद्रा ने 50,420 यूनिट्स की एसयूवी बिक्री की, जो हुंडई के 47,727 यूनिट्स से अधिक है।
  • हुंडई की गिरती बिक्री:

  • Mahindra beat Hyundai  in 2025.हुंडई की बिक्री फरवरी में 65,603 यूनिट्स से घटकर 58,727 यूनिट्स तक पहुंच गई, जिससे उसकी नंबर-2 की पोजीशन कमजोर हुई।

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    • विशेष रूप से, हुंडई की क्रेटा के अलावा बाकी एसयूवी मॉडल्स ने ज्यादा प्रदर्शन नहीं किया, जो महिंद्रा को फायदा पहुंचा रहा है।
  • भारत में एसयूवी बाजार की वृद्धि:

    • 2020 से 2025 तक, एसयूवी का बाजार हिस्सा 32% से बढ़कर लगभग 60% तक पहुंच चुका है, जो  महिंद्रा को ज्यादा लाभ दे रहा है।
    • एसयूवी की बढ़ती मांग और क्रेटा जैसे मॉडल्स की लोकप्रियता ने भारतीय बाजार में इसे एक प्रमुख श्रेणी बना दिया है।
  • निर्यात में भी वृद्धि:

    • महिंद्रा ने फरवरी 2025 में 99% की बढ़ोतरी के साथ 3,061 यूनिट्स का निर्यात किया।
    • जबकि हुंडई ने 11,000 यूनिट्स का निर्यात किया, जो सालाना 6.8% वृद्धि दर्शाता है।
  • क्या भविष्य में बदलाव आ सकता है?

    • भारतीय ऑटो उद्योग में अब थोड़ी ठंडक दिखने लगी है, क्योंकि पिछले तीन वर्षों की तेजी के बाद अब बिक्री में मंदी आ सकती है।
    • इसके बावजूद, महिंद्रा की बढ़ती एसयूवी बिक्री और हुंडई की भविष्य की रणनीतियां इस बदलाव को कैसे प्रभावित करेंगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

निष्कर्ष:

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भारतीय कार बाजार में अपनी जबरदस्त एसयूवी रेंज और निरंतर नवाचारों के साथ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। अपनी मजबूत SUV लाइनअप जैसे थार, स्कॉर्पियो N, और XUV700 के जरिए, महिंद्रा ने भारतीय ग्राहकों के दिलों में जगह बनाई है, जिससे फरवरी 2025 तक उसने हुंडई को पछाड़ते हुए नंबर-2 की पोजीशन हासिल की। महिंद्रा की यह सफलता उनके ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण और बेहतरीन प्रोडक्ट इनोवेशन का परिणाम है।

वहीं, हुंडई मोटर इंडिया भी भारतीय बाजार में अपनी मजबूती और विश्वसनीयता के लिए जानी जाती है। उसकी प्रमुख मॉडल्स जैसे क्रेटा, वेन्यू और टक्सन आज भी भारतीय बाजार में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली एसयूवी हैं। हुंडई ने अपनी स्थिरता और बेहतर इंटीरियर्स के साथ ग्राहकों को आकर्षित किया है, लेकिन अब महिंद्रा की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच उसे अपनी रणनीतियों में बदलाव की जरूरत है। हुंडई को नई और अपडेटेड एसयूवी मॉडल्स पेश करके अपनी स्थिति को फिर से मजबूत करना होगा।

इस प्रतिस्पर्धा से भारतीय उपभोक्ताओं को कई बेहतरीन विकल्प मिलते हैं, जिससे दोनों कंपनियाँ अपने उत्पादों में निरंतर सुधार और नवाचार के लिए प्रेरित होती हैं। कुल मिलाकर, यह दोनों कंपनियाँ भारतीय ऑटो उद्योग में अहम भूमिका निभा रही हैं, और भविष्य में यह प्रतिस्पर्धा और भी रोमांचक होने वाली है।